Android ऑपरेटिंग सिस्टम का युग जल्द ही खत्म हो सकता है। गूगल एक नए ऑपरेटिंग सिस्टम से इसको रिप्लेस करने की दिशा में काम कर रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल दो साल से Fuchsia (फ्यूशिया) नाम के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। Fuchsia प्रोजेक्ट के तहत गूगल एक ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम को डेवलप करना चाहता है, जो आने वाले दिनों में गूगल के Android ओएस को रिप्लेस कर देगा।
अगस्त 2016 में प्रोजेक्ट के बारे में चला था पता : गूगल के इस प्रोजेक्ट के बारे में अगस्त 2016 में पता चला था। तब गूगल ने प्रोजेक्ट के तहत बिना किसी अनाउंसमेंट के GitHub रिपॉजिटरी में कोड की पोस्टिंग करना शुरू कर दिया, लेकिन Fuchsia प्रोजेक्ट के तहत गूगल करना क्या चाहता था इस बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। 19 जुलाई को प्रकाशित ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के प्रमुख मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम Android को रिप्लेस करने के लिए गूगल इंजीनियरों की एक टीम पिछले दो सालों से Fuchsia प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
सभी डिवाइसों के लिए होगा एक ओएस : रिपोर्ट में कहा गया है कि Fuchsia प्रोजेक्ट पर काम करने वाली गूगल टीम एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहती है, जो Android OS, Chrome OS और गूगल के स्मार्ट होम हार्डवेयर डिवाइसों के ऑपरेटिंग सिस्टम को रिप्लेस कर दे। गूगल चाहता है कि यह नया ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल के अलावा उससे जुड़ी सभी कंपनियों की सारी डिवाइसों पर रन कर सके।
-गूगल के अभी जो ऑपरेटिंग सिस्टम चल रहे हैं, वे Linux kernel पर आधारित हैं, लेकिन Fuchsia प्रोजेक्ट को एक नए माइक्रो कर्नेल Zircon पर चलाया जा रहा है। इससे नया ऑपरेटिंग सिस्टम Linux पर आधारित न होकर Zircon पर आधारित होगा और गूगल की Linux पर निर्भरता कम होगी।
-गूगल के अभी जो ऑपरेटिंग सिस्टम चल रहे हैं, वे Linux kernel पर आधारित हैं, लेकिन Fuchsia प्रोजेक्ट को एक नए माइक्रो कर्नेल Zircon पर चलाया जा रहा है। इससे नया ऑपरेटिंग सिस्टम Linux पर आधारित न होकर Zircon पर आधारित होगा और गूगल की Linux पर निर्भरता कम होगी।
पहले स्मार्ट होम डिवाइसों पर में दिया जाएगा : गूगल इंजीनियरों की यह टीम आने वाले तीन सालों में गूगल होम स्मार्ट स्पीकर जैसे स्मार्ट होम डिवाइसों को Fuchsia प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले लॉन्च करना चाहती है। इन डिवाइसों की सफलता के बाद कंपनी अगले पांच सालों में लैपटॉप और स्मार्टफोन जैसे बड़े डिवाइसों पर इसे पेश कर सकती है।
-गूगल पिछले कई सालों से मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप और अन्य स्मार्ट डिवाइसों के लिए एक ही ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करने की कोशिश कर रहा है। प्रोजेक्ट Fuchsia इसी दिशा में गूगल का एक प्रयास हो सकता है। इसके अलावा Fuchsia, Android की तरह ओरेकल पर भी आधारित नहीं है।
-गूगल पिछले कई सालों से मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप और अन्य स्मार्ट डिवाइसों के लिए एक ही ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करने की कोशिश कर रहा है। प्रोजेक्ट Fuchsia इसी दिशा में गूगल का एक प्रयास हो सकता है। इसके अलावा Fuchsia, Android की तरह ओरेकल पर भी आधारित नहीं है।
बरतनी होगी काफी सावधानी : गूगल के CEO सुंदर पिचाई और Android, Crome को देखने वाले उनके डिप्टी हिरोशी लॉकहाइमर ने अभी तक Fuchsia के लिए किसी भी रोड मैप पर साइन नहीं किया है। गूगल के अधिकारियों को एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को बदलने या ओवरहाल करने वाली किसी भी योजना पर बहुत ही सावधानी से काम करना होगा क्योंकि यह सॉफ्टवेयर दर्जनों हार्डवेयर पार्टनर्स, हजारों डेवलपर्स और अरबों डॉलर के मोबाइल-विज्ञापन का समर्थन करता है।
प्रोजेक्ट पर लगाए गए हैं सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स : ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि Fuchsia में कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं। ऑनलाइन पोस्ट किए गए सॉफ़्टवेयर कोड में इंजीनियरों ने 'एन्क्रिप्टेड यूजर्स की' बनाई है। यह एक प्राइवेसी टूल है, जो सॉफ्टवेयर अपडेट होने पर हर बार यूजर्स की जानकारी सुरक्षित रखता है। कड़े सुरक्षा उपायों के लिए गूगल ने विशेषज्ञों भी भर्ती की है। नौ साल से एंड्रॉइड के लिए काम करने वाले सिक्योरिटी इंजीनियर निक क्रालेविच जनवरी में प्रोजेक्ट Fuchsia पर काम करने लगे हैं। यह जानकारी उनके लिंक्डइन प्रोफाइल से मिली है। ऐसे सुरक्षा उपायों की मदद से गूगल अपने मुख्य स्मार्टफोन निर्माता एपल इंक को कड़ी चुनौती दे सकता है।
गूगल नहीं बंद कर सकता Android और Crome OS का सपोर्ट : Android और Crome से अलग होने पर Google के लिए अन्य खतरे भी हो सकते हैं। सैमसंग, हुआई और एलजी जैसे स्वतंत्र डेवलपर्स और तमाम डिवाइस निर्माता Android ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर डिपेंड हैं। Crome ओएस भी काफी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है। यह स्कूलों और अन्य संगठनों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वेब बेस्ड लैपटॉप पर चलता है। ऐसे में Google Android और Crome OS का सपोर्ट बन्द कर Fuchsia पर नहीं मूव हो सकता।
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